(घेरे में) Ghere Mein Lyrics in Hindi:- Check out the full lyrics of the song titled “Ghere Mein” sung by Vivek Hariharan, Parag Chhabra from album – An Action Hero (2022) on this page.
Lyrics are available in:
- (घेरे में) Ghere Mein Lyrics in Hindi
- Ghere Mein Lyrics in English
Here are all the details of Ghere Mein song that you need to know about.
PARTICULARS | DETAILS |
Song Title | घेरे में | Ghere Mein |
Singer | Vivek Hariharan, Parag Chhabra |
Lyrics | Vayu |
Music | Parag Chhabra |
Music Label | T-Series |
Stars | Malaika Arora and Ayushmann Khurrana |
Album/Movie | An Action Hero (2022) |
Hindi & English ‘Ghere Mein Lyrics‘ from the album – An Action Hero (2022) that has been sung by Vivek Hariharan, Parag Chhabra are down below. The song lyrics have been written by Vivek Hariharan, Parag Chhabra and the music is the composition of Vivek Hariharan, Parag Chhabra.
(घेरे में ) Ghere Mein Lyrics
भेजे में पहले कोई
डांग डांग वज्दी है
हवा में गूंजते है रंग काई
चुप से पानी में
जो कांकड पड़ गया
चिपि झीलें चल पड़ी
अरे दिन कहीं डूबा है
हुई कहीं सुबह है
दुनिया चलती है सर्कल पे
सर जो ये उठा है
गरदा ही मचा है
धड़कनों की जैसे हलचल पे
दर्द ही दावा है
अपना ही नशा है
जी ले जिंदगी मर मर के
सबको मैं नाच के
रख दूंगा हिला के
अब ना रहना है डर डर के
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेरे हैं
जाओ!
आसमान के तारे सारे झर गए
जुगनूओं ने कर रोशनी है
बस जो बिक्री दिन वो गुज़र गए
जगी है सांसी
अरे आग ने चुआ है
उठ रहा धुन है
लवा निकला है पत्थर है
रास्ता नया है अब बन गया है
पानी से कट करके
सामने जो आए कम से वो जाए
छोटे चल थोड़ा बच करके
ज़िद से हूं भरा मैं
बिजली सा गिरा मैं
बादलों से ऐसे फत्त करके
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज
घेरे हैं
सवेरे से ज्यादा और यहां
दिखते हैं चेहरे पे
घौ बडे गेहरे
चट्टान टूटते हैं
हम तो यहां हैं
कोयले में पीला है
फिर भी जी रहे हैं
लड़ेंगे तो शान से ईमान है अपना
लड़ने से डरते नहीं काम है अपना
रात तो है घेर में अकेले ही झेलेंगे
जरूर खेलेंगे टाइम है अपना
अरे दिन कहीं डूबा है
हुई कहीं सुबह है
दुनिया चलती है सर्कल पे
सर जो ये उठा है
गरदा ही मचा है
धड़कनों की जैसे हलचल पे
दर्द ही दावा है
अपना ही नशा है
जी ले जिंदगी मर मर के
सबको मैं नाच के
रख दूंगा हिला के
अब ना रहना है डर डर के
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज
घेरे हैं
घेरे हैं
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